हिन्दी सेक्शुअल स्टोरीज के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम गोपाल है। मैं बिहार के वैशाली का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 22 की है और मैं कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहा हूँ। मैंने इस वेबसाइट पर बहुत सारी कहानियां पढ़ी हैं।
आज मैं अपनी अपनी पहली कहानी बताने जा रहा हूँ जो कि मेरे जीवन की सच्ची कहानी है, इसमें मैंने बताया है कि मैंने कैसे अपनी मौसी की चुदाई की। यह कहानी आज से पहले 2 साल पहले की है।
मैं छुट्टियों में घर आया हुआ था। परीक्षाएं कुछ दिन पहले ही समाप्त हुई थीं। परीक्षा के बाद मैं घर में ही खाली बैठा रहता था। एक दिन हमारे घर पर मेरी छोटी मौसी आयी। मौसी काफी दिनों के बाद हमारे घर पर आई थी।
अगर कोई शादी या कोई फंक्शन वगैरह होता था तभी मौसी हमारे घर पर आया करती थी। लेकिन इस बार पता नहीं मौसी का क्या मन हुआ और वह हमसे मिलने हमारे घर आ गए। मौसी की उम्र 32 से 34 साल के करीब थी और उनके 4 बच्चे भी थे।
क्योंकि आपको पता ही होगा बिहार में जल्दी ही शादी कर दी जाती है इसलिए मौसी की भी जल्दी शादी हो गई थी और उनके चार बच्चे भी हो गए थे। हमेशा की तरह मौसी मम्मी से गले मिले और मैंने मौसी को प्रणाम किया और उन्होंने मेरी पीठ थपथपाते हुए मुझे आशीर्वाद दिया।
फिर उन्होंने कल मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा अरे गोपाल तुम तो बहुत बड़े हो गए हो पिछली बार जब तुम्हें देखा था तो तुम छोटे से थे। लेकिन इस बार मुझे मौसी की हरकतें थोड़ी सी शरारती लग रही थी और कुछ ना कुछ गड़बड़ लग रहा था।
मामी का फिगर भी बहुत ही ज्यादा अच्छा था। उनकी 36 की छाती 28 की कमर और शायद 36 की गांड थी। रंग थोड़ा सा गेहुआ हुआ था लेकिन कोई भी उन पर लट्टू हो सकता था। पहले भी ना मौसी के नाम की कई बार मुठ मार चुका हूं और आज उनके दर्शन कर लिए थे इसलिए शाम को उनके नाम की मूठ तो पक्की हो गई थी।
फिर मैंने शाम को बाथरूम में जाकर मौसी के नाम की मुठ मारी और बाहर घूमने चला गया। जब मैं शाम को वापस आया तो हम सब लोगों की सोने की व्यवस्था करने लगे। क्योंकि हमारे घर में जगह की कमी थी इसलिए मम्मी और पापा एक कमरे में सो गए और मौसी और मुझे एक कमरे में सोने के लिए कह दिया।
उनका एक 6 साल का बेटा भी उनके साथ आया हुआ था इसलिए हम तीनों दूसरे कमरे में सोने चले गए। मौसी का बेटा बीच में सोया हुआ था और नया और मुंह से उसके अगल-बगल सोए हुए थे। फिर जैसे ही मैं सोने वाला था मामी उठी और अपनी साड़ी खोलने लगी।
शायद वह कपड़े बदलना चाहती थी क्योंकि साड़ी में सोना मुश्किल था। लेकिन मैं सोने के बहाने यह सब कुछ देख रहा था। फिर उन्होंने धीरे-धीरे अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ ब्रा और पेंटी में खड़ी थी जो गुलाबी रंग के थे। मम्मी ने चकिया की दरवाजा बंद है कि नहीं और फिर ब्रा और पैंटी में ही आकर बिस्तर पर लेट गई।
फिर क्या था मैं मम्मी को नहीं आने लगा और उनके बूब्स को देखने लगा। कसम से बड़े ही कमाल का नजारा था। फिर मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और मैंने अपनी टांग उठा कर उनके टांगों पर रख दिए और धीरे धीरे सहलाने लगा। फिर मैंने अपना हाथ उनके बूब्स पर रख दिया और मैं धीरे-धीरे दबाने लगा।
लेकिन मेरी कामुकता बढ़ती ही जा रही थी इसलिए मैंने उनके बूब्स को थोड़ा जोर से दबा दिया और उनकी आंखों में गई लेकिन उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा। उन्होंने मेरी तरफ कामुकता भरी आंखों से देखा। फिर क्या था खुशी के मारे मैं सातवें आसमान पर पहुंच गया और मैंने मौसी को बोला बेड से नीचे उतर जाओ नहीं तो आपका बेटा जाग जाएगा।
फिर क्या था हम दोनों जमीन पर लेट गए और मैंने उनकी बड़ा खोली और उनके बूब्स चूसने लगा। उनके घोसले अभी भी दूध था और मैं उनका दूध पीने लगा। एक बूब से दूध पी रहा था तो दूसरे बूब को अपने हाथों से दबा रहा था।
मैंने मौसी के गालो को पकड़ा और उनके होंठों पर होंठ पर रख दिए और उनके होंठों का रस पीने लगा।
क्योंकि मुझे किस करने लगी हो हम दोनों अंतर्वासना में लीन हो गए। फिर मैंने उनके बदन के हादसे को चूमा और उनकी पैंटी उतार दी।
उनकी बड़ी बड़ी झाटों के बीच उनकी लाल चुत देख कर मेरा मन मचल गया और मैंने उनकी चुत पर हल्का सा हाथ फेरा। और फिर एक उंगली उनके चुत के अंदर घुसा दी।
जैसे ही मेरी उंगली उनकी चुत के अंदर गई वह उछल पड़ी। और उनके मुंह से हल्की सी आह की आवाज निकली।
फिर मैंने अपने होंठ मौसी की चुत रख दिए और अपनी जीभ से उनकी चुत चाटने लगा और अपने हाथ से उनकी गांड दबाने लगा।
अब चाची मचलने लगी और मेरे माथे को पकड़कर अपनी चुत की तरफ जोरों से दबाने लगी। अब मौसी काफी उत्तेजित हो चुकी थी और उन्होंने कहा कि अब मुझसे इंतजार नहीं होता जल्दी से अपने हथियार मेरी चुत में डाल दे।
फिर मैंने अपना लन्ड मौसी की चुत के ऊपर रखा है और धीरे धीरे उसे अंदर घुस आने लगा।
मेरा मन तो किया एक ही झटके में घुसा दूं लेकिन कहीं मौसी चिल्ला ना उठे इसलिए मैंने धीरे धीरे अपना पूरा लन्ड उनकी चुत के अंदर तक घुसा दिया।
फिर मै जोर ज़ोर से झटके दिन लगा। जैसे ही मैं भी जोर का झटका देता हूं का पूरा शरीर हिलने लगता और उनके बूब्स आगे पीछे होते जिसे देखकर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो जाता।
मैंने 10 मिनट तक मम्मी को चोदने के बाद जब मैं जाने वाला था तो मैंने एक जोर के झटके के साथ अपना सारा माल मौसी की चुत में ही निकाल दिया और उनके ऊपर ही लेट गया।
चुदाई के बाद हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे और कुत्तों की तरह हांफ रहे थे।
फिर हम दोनों बाथरूम में गए और एक दूसरे को साफ करके अपने अपने कपड़े पहने और वापस बेड पर आ कर लेट गए और सो गए।