हेलो दोस्तों हिंदी सेक्शुअल स्टोरीज की वेबसाइट पर आप सभी लोगों का स्वागत है। जहां आपको हर रोज नई कहानियां पढ़ने को मिलेंगी। आज आपके लिए एक को नहीं कहानी पेश है उम्मीद करता हूं कि आपको यह कहानी पसंद आएगी।
मेरा नाम वरुण कुमार है और मेरी उम्र 28 साल है। मेरी हाइट 6 फुट है और मेरे लन्ड का साइज़ इंच है और यह 2 इंच मोटा भी है। मुझे चुदाई करने में बहुत मजा आता है और जब भी मुझे किसी लड़की को चोदने का मौका मिलता मैं पीछे नहीं हटता।
लेकिन आज मैं जो कहानी आपको बताने जा रहा हूं वह मेरे पड़ोस में रहने वाली एक आंटी की है जिसने मुझे अपने घर बुलाकर मेरे लन्ड से अपनी चुत की गर्मी को शांत किया। तू चलिए बिना किसी देरी के कहानी शुरू करते हैं।
हमारे घर के पास ही एक गली छोड़कर एक परिवार रहता है जिसमें 4 लोग रहते हैं। शर्मा अंकल जिनकी उम्र 40 साल है और उनकी पत्नी सिमरन शर्मा जो कि काफी खूबसूरत है। उनके दो बच्चे भी हैं जिनकी उम्र 15 और 16 साल है।
बात कुछ यूं हुई कि मैं आज से 2 साल पहले बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करता था। और मैं दसवीं से लेकर 12वीं के बच्चों तक का ट्यूशन पढ़ाता था और मुझसे पढ़कर गए बच्चे काफी अच्छे मार्क्स लाते थे।
इसलिए मैं अपनी गली का एक फेमस ट्यूशन मास्टर था। लेकिन अब मैंने पढ़ाना छोड़ दिया है क्योंकि अब मुझे जॉब मिल गई है और मैं 9:00 से 5:00 ऑफिस में ही रहता हूं और बाद में मुझे किसी भी काम को करने का समय नहीं होता।
एक दिन शर्मा अंकल और उनकी पत्नी हमारे घर आए। मैंने सिमरन आंटी को देखा तो मेरे मन में कामुकता जाग गई। मैं उन्हें प्यार से कभी कभी भाभी कह दिया करता था। और वह भी मुझे मेरे नाम से ही बुलाती थी। वह प्यार से मुझे वीरू कहकर पुकारती थी।
फिर शर्मा अंकल ने मुझसे कहा कि हमारा बेटा दसवीं कक्षा में है और पढ़ने में थोड़ा एवरेज है क्या तुम उससे ट्यूशन पढ़ा सकते हो ताकि वह थोड़ा अच्छे से पढ़ने लग सके। मैंने कहा अंकल जी मेरे पास तो अब समय नहीं होता और मैं माफी चाहता हूं क्योंकि मैं बच्चों को अब नहीं पढ़ा सकता।
शर्मा अंकल ने मेरी मजबूरी समझी और उन्होंने कहा चलो ठीक है कोई बात नहीं। फिर मैंने उनसे कहा अरे अगर आप को पढ़ाना ही है तो मेरी बहन जो कि मेरे से 7 साल छोटी थी वह पढ़ाती है आप उनको पढ़ने के लिए मेरी बहन के पास भेज दे। वह उनको अच्छे से पढ़ा देगी।
मैंने अपने चाचा की लड़की के बारे में बताते हुए कहा। उन्होंने कहा हां यह भी ठीक रहेगा। फिर उन्होंने अपने बच्चों की ट्यूशन मेरे चाचा की लड़की के यहां रखवा दी। अब अब सिमरन आंटी या यूं कहूं कि सिमरन भाभी हफ्ते में एक तो बाहर हमारी गली में आने जाने लगी थी।
क्योंकि बच्चों को शाम के समय 6:00 बजे छुट्टी होती थी और उसी समय में घर वापस आता था तो कभी-कभी मेरी मुलाकात सिमरन भाभी से हो जाती हो और जिस दिन मैं उन्हें देखता उस दिन घर जाकर उनके नाम की मूूठ जरूर मारता।
उसकी उभरी हुई गांड देख कर मेरा दिल मचल जाता। जब वो चलती थी तो उनकी गांड उपर नीचे मटकती थी। फिर 1 दिन की बात है उस दिन मुझे ऑफिस से छुट्टी थी और मेरी चाची की लड़की बोली की इन दोनों बच्चों की शिकायतें सिमरन आंटी को लगाकर आओ यह पढ़ने में ध्यान नहीं दे रहे।
मैंने पहले सोचा क्या बच्चे की शिकायत लेकर किसी के घर जाना लेकिन फिर मैंने सोचा यह अच्छा मौका हो सकता है सिमरन भाभी से घुलने मिलने का
। फिर मैं उनके घर पहुंचा और सिमरन भाभी अकेली थी। मैं अंदर गया तो उन्होंने मुझे सोफे पर बिठाया। फिर वह मेरे लिए चाय बनाने चली गई।
मैं उन पीछे से उनकी गांड देख रहा था जो कि बहुत ही सेक्सी लग रही थी। फिर वह चाय लेकर आई और जैसे ही चाय देने के लिए झुकी तो उनके ब्लाउज में से बूब्स मेरी आंखों के सामने थे और मैं उन्हें ही निहार रहा था।
सुमन भाभी भी जानबूझकर मेरे सामने अंग प्रदर्शन कर रही थी। फिर सिमरन भाभी बोली बच्चों की शिकायतें आएंगी ही तुम जो उन्हें नहीं पढ़ा रहे।
फिर मैंने कहा अरे भाभी जी मेरे पास समय होता तो मैं जरूर पढ़ाता। फिर वह मेरी तरह शरारत भरी आंखों से देखती हुई बोल उन्हें नहीं पढ़ा सके तो क्या मुझे ही पढ़ा दो।
इतना कहकर वह मेरे बगल में आकर बैठ गई और मेरे लन्ड के ऊपर अपना हाथ रख दिया। मैं इसी मौके की तलाश में था।
मैंने सुमन भाभी के बूब्स पर हाथ रखे और उनके मोटे मोटे बूब्स को दबाने लगा।
फिर मैंने अपने होंठ होंगे सख्त होठों पर रखें और उन्हें चूसने लगा। अब भाभी पूरे मूड में आ चुकी थी और उन्होंने मेरी टीशर्ट उतार दी।
मैंने भी उनकी ब्लाउज और ब्रा उतार दी और उनके बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा।
पहली बार मैंने जिंदगी में इतने बड़े बड़े दूर से देखे थे यह तो मेरे दोनों हाथों में भी फिट नहीं आ रहे थे। पिंकी ने उन्हें चाट रहा था और मसल रहा था।
मैंने सिमरन भाभी को सोफे पर बिठाया और उनकी पैंटी खोल दी और खुद नीचे जमीन पर बैठकर उनकी चुत पर अपनी जीभ रख ली।
अब मैंने उनके पैरों को अपने कंधे पर रखकर उनकी चुत चाट रहा था। भाभी अब आनंद के मारे अपनी गर्दन इधर-उधर हिला रही थी और अपने मुंह से सिसकियों की आवाज़ निकाल रही थी।
“”याह….. चाटो…. और बढ़िया से…… मेरी चुत फाड़ दो…. मुझे जन्नत दिखा दो….”” कहते हुए वो मेरे सर को अपनी चुत की तरफ दबा रही थी।
थोड़ी ही देर में वो झड़ गई और मैं उनकी चुत का सारा पानी पी गया।
भाभी की चटपटी चुत एकदम गीली हो गई थी और मैंने अपना लन्ड उनकी चुत पर रखा और एक ही झटका दिया और मेरा लन्ड फिसल कर उनकी चुत के अंदर पहुंच गया।
उनके मुंह से जोर से आहहहह……. की आवाज़ निकली और मैंने भी उफ्फ….. करते हुए झटके दिन शुरू कर दिए।
फिर मैं सोफे पर लेट गया और वह मेरे लन्ड पर बैठकर कूदने लगी।
” ओह… हाय…. येस….. याह…. मजा आ रहा है…” बोलते हुए वो मेरे लन्ड का आनंद ले रहे थे और मैं भी चुदाई में पूरी तरह से लीन था।
उसे तीन अलग-अलग पोजीशन में चोदने के बाद अब मैं झड़ने वाला था और मैंने अपना माल उसके चेहरे पर निकाल दिया और वह किसी करीम की तरह मेरे माल को अपने चेहरे पर मलने लगी।
फिर मैंने अपने कपड़े पहने और भाभी को थैंक यू बोलते हुए अपने घर चला गया।